Monday, December 11, 2023
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Bank Strike Employees Association Calls Strike Demanding Adequate Recruitments Opposing Outsourcing Of Regular Jobs


Financial institution Strike: इस वर्ष दिसंबर महीने से लेकर नए वर्ष में जनवरी 2024 तक कुल 13 दिन देश में बैंकिंग सेवाएं बैंक कर्मियों के हड़ताल के चलते प्रभावित हो सकती है. ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉयज एसोसिएशन ने इस हड़ताल का आह्वान किया है. बैंक यूनियन बैंकों में पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की भर्ती की मांग और रेग्यूलर जॉब के आउटसोर्सिंग के विरोध में हड़ताल पर जा रही हैं. 

4 दिसंबर 2023 से हड़ताल की शुरूआत होगी जो अलग अलग चरणों में 20 जनवरी 2024 तक चलेगी जो इस प्रकार है. 

  • 4 दिसंबर 2023 को देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक के कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल पर रहेंगे. 
  • 5 दिसंबर 2023 को बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. 
  • 6 दिसंबर 2023 को केनरा बैंक और यूको बैक के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. 
  • 7 दिसंबर 2023 को इंडियन बैंक और यूको बैंक के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. 
  • 8 दिसंबर 2023 को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल पर रहेंगे. 
  • 11 दिसंबर को निजी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. 

नए वर्ष 2024 में अलग अलग राज्यों में चरणबद्ध तरीके से सभी बैंक के कर्मचारी एक साथ हड़ताल पर रहेंगे.

  • 2 जनवरी 2024 को दक्षिण भारत में तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, पुडुचेरी, अंडमान एंड निकोबार और लक्ष्यद्वीप में सभी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे.  
  • 3 जनवरी 2024 को पश्चिमी भारत के राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दादर, दमन, दीव में सभी बैंक के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे.
  • 4 जनवरी 2024 को राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में सरकारी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. 
  • 5 जनवरी  2-24 को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू एंड कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश सभी सरकारी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. 
  • 6 जनवरी 2024 को पूर्वी राज्यों पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, असम, त्रिपुरा, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम में बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. 

19-20 जनवरी 2024 को देशव्यापी हड़ताल

इसके बाद 19 और 20 जनवरी 2024 को पूरे देश के सरकारी बैंकों के बैंक कर्मचारी दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल पर रहेंगे. ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉयज एसोसिएशन का कहना है कि हाल के वर्षों में बैंक कस्टमर की संख्या कई गुना बढ़ी है. बैंकों का बिजनेस वॉल्यूम बढ़ा है जिसके चलते बैंक कर्मियों पर कामकाज का बोझ बढ़ गया है. लेकिन इस दौरान पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की भर्ती नहीं की गई है. रिटायरमेंट, प्रमोशन, मृत्यु के चलते बैंकों में वैकेंसी बढ़ी है लेकिन इसे भरा नहीं जा रहा है. एडिशनल स्टॉक मुहैया नहीं कराया जा रहा है. सरकार की कई योजनाएं बैंक द्वारा संचालित की जा रही है. 50 करोड़ जनधन खाते सरकारी बैंकों ने खोले हैं. इसके चलते भी शाखाओं में कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ा है. 

स्थाई जॉब को किया जा रहा आउटसोर्स 

यूनियन ने कहा कि बैंक शाखाओं में कर्मचारियों की भारी कमी है जिससे कस्टमर सर्विसेज प्रभावित हो रही है. इसके चलते कस्टमर की शिकायतें आ रही हैं. यूनियन ने आरोप लगाया कि सरकार और बैंक जानबूझकर क्लर्क और सबऑर्डिनेट लेवल पर कर्मचारी की संख्या घटाई जा रही है और सुपरवाइजरी स्टॉफ की संख्या बढ़ाई जा रही है. इसके पीछे मकसद ये है कि कम से कम वर्कर इंडस्ट्रीयल डिस्प्यूट एक्ट के तहत आएं. साथ ही रेग्यूलर और स्थाई जॉब को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर ऑउटसोर्स किया जा रहा है जिससे कर्मचारियों को द्विपक्षीय सेटलमेंट आधार पर वेतन ना देना पड़े. इसके चलते क्लर्क लेवल पर भर्ती में भारी कमी आई है. यही वजह है कि बैंक यूनियन हड़ताल पर जा रहे हैं.  

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