Small Saving Price Hike: 30 सितंबर 2023 को वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों की समीक्षा करेगा. और माना जा रहा है कि केंद्र सरकार अपनी बचत योजना के ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है. इस बात के आसार है कि मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही अक्टूबर से दिसंबर तक के लिए ब्याज दरों की समीक्षा करते हुए पब्लिक प्रविडेंट फंड ( Public Provident Fund) समेत दूसरी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया जा सकता है.
30 जून 2023 को जब जुलाई से सितंबर तक के लिए ब्याज दरों की समीक्षा करते हुए नई दरों का ऐलान किया गया था तब केवल एक वर्ष और दो वर्ष की अवधि वाली पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट स्कीमों के ब्याज दरों में 10 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई थी. तो 5 साल के रेकरिंग डिपॉजिट पर ब्याज दर को 6.2 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया गया था.
आरबीआई ने मई 2022 से लेकर फरवरी 2023 के बीच 2.50 फीसदी रेपो रेट में बढ़ोतरी. इस दौरान बैंकों ने डिपॉजिट्स पर ब्याज दरें बढ़ाई. तो सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना से लेकर किसान विकास पत्र और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम सभी पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. लेकिन पीपीएफ के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
सरकार की बचत योजनाओं में एनएससी यानि नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 7.70 फीसदी ब्याज मिल रहा है. सुकन्या समृद्धि योजना के ब्याज दर पर 8 फीसदी ब्याज मिल रहा है. 115 महीने के मैच्योरिटी अवधि वाले किसान विकास पत्र पर 7.5 फीसदी ब्याज सालाना मिल रहा है. वहीं सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर 8.2 फीसदी ब्याज मिल रहा है.
2023-24 वित्त वर्ष में ब्याज दरें बढ़ने के चलते सरकार की बचत योजनाओं में निवेश बढ़ा है. ऐसे में इन स्कीमों को और आकर्षक बनाने के लिए माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय पीपीएफ समेत अन्य बचत योजनाओं में ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है.
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